आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का भाषण: भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) जल्द ही एक नई तकनीक लेकर आने वाला है। किसकी मदद से बैंकिंग सेक्टर (बैंकिंग सेक्टर) का कायाकल्प किया जाएगा। RBI ने अपने मॉड्यूल और डेटाबेस विश्लेषण के लिए कुछ जरूरी उपाय करने की तैयारी शुरू कर दी है। आरबीआई 2023-2025 की अवधि के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- एआई) और मशीन लर्निंग (मशीन लर्निंग-एमएल) पर आधारित प्लेटफॉर्म उत्कर्ष 2.0 (उत्कर्ष 2.0) शुरू करने जा रहा है। इसके बारे में प्राधिकरण के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI गवर्नर शक्तिकांत दास) ने जानकारी दी है।
प्लान क्या है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑडिट के दस्तावेज़ में कहा गया है कि डेटाबेस विश्लेषण और सूचना संग्रह के लिए दस्तावेज़ (AI) और मशीन लर्निंग (ML) संचालित डिवाइस को अपना उत्कर्ष 2.0 का एक समावेशी अंग होगा। उत्कर्ष 2.0 ग्राहकों के बीच संतों की साख को और मजबूत किया जाएगा। यह पर्यवेक्षण को मजबूत करने के साथ नई तकनीक के दम पर अधीनस्थों में नागरिकों का विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।
कब हुई थी शुरुआत
आरबीआई ने 2019-2022 की अवधि को कवर करने वाला पहला रणनीति ढांचा उत्कर्ष (उत्कर्ष) जुलाई 2019 में लॉन्च किया था। इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग में स्कोप्स आने में आशातीत प्राप्त हुई थी। अब इसकी अगले चरण की तैयारी है। सब्सक्राइबर के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने बयान में कहा कि वैश्विक और घरेलू करोड़ों में उत्कर्ष 2.0 2023 से शुरू हो रहा है। ऐसा समय हो रहा है, जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है।
काम कैसे कर रहा हूँ
उत्कर्ष 2.0 आरबीआई का मार्गदर्शन साल 2023-25 के बीच होगा। उत्कर्ष 2.0 डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां प्रदर्शित करने और रोजगार, बहुद्देश्यीय व्यापार में भारतीय रुपये की स्वीकृति की दिशा में एक अवसर देता है। उत्कर्ष 2.0, उत्कर्ष 2022 की ताकतों का उपयोग 6 विज़न संक्षिप्तीकरण के साथ-साथ कोर पहलुओं का उपयोग करने के लिए किया जाएगा।
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