राजस्थान सियासी ड्रामा, स्पीकर के पास फायरिंग करते हुए रैसलर, इनसाइड स्टोरी जानें

राजस्थान सियासी ड्रामा, स्पीकर के पास फायरिंग करते हुए रैसलर, इनसाइड स्टोरी जानें


राजस्थान सरकार समाचार: 3 महीने पहले राजस्थान की राजनीति में उठापटक हुआ था। उस समय राजस्थान कांग्रेस के करीब 90 लाख विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (सीपी जोशी) ने अपनी इच्छा जताई थी। इस सत्र में अधिकतर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के करीबी हैं। अब तीन महीने बाद ये सभी विधायक अपना पत्र वापस लेने के लिए तैयार हैं।

हालांकि इसे लेकर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अपनी सदस्यता वापस लेने के लिए कहा। पार्टी के एक नेता ने कहा कि मृतक व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति के पास जाएंगे और एक पत्र सौंपेंगे, जिसमें कहा गया है कि वे अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं।

90 ने सी अधि बैठक छोड़ी थी

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश में राजस्थान में पार्टी की सामान्य कलह फ्रैंक सामने आई थी। प्रदेश कांग्रेस की चहलकदमी ने अशोक गहलोत की जगह के रूप में सचिन पायलट की जगह का चुनाव करने की संभावना के लिए इस्तीफा दे दिया था। लगभग 90 लाख लोगों ने कांग्रेस विधायक दल (सीएपी) की बैठक छोड़ दी थी और विधानसभा अध्यक्ष जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उस समय सीएम गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में थे।

23 जनवरी को बजट सत्र की घोषणा

यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि राज्य में 23 जनवरी को बजट सत्र की घोषणा होगी। इसके आलावा राज्य के नए कांग्रेस प्रभार सुखजिंदर सिंह रंधावा रायपुर में पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। बता दें कि अटकलों को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय के अध्यक्ष जोशी को नोटिस भी चुका है, इस वजह से भी विधायक इस्तीफा वापस लेने की बात कर रहे हैं। बुधवार को रंधावा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिलने गया था। इसके अलावा उन्होंने शुक्रवार को शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी.

नए कांग्रेस चार्ज ने क्या कहा?

पार्टी के नेताओं ने हीनजिंदर सिंह रंधावा के सामने गहलोत और पायलट के बीच गुटबाजी का प्रदर्शन किया था। प्रदेश कांग्रेस में विस्तार पर रंधावा ने पापाराजी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं किसी फाइव स्टार होटल में नहीं, लोगों के बीच बैठा हूं, हम सभी समान को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता संगठन की स्थापना और पार्टी के ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर की इकाइयों में नियुक्तियों को पूरा करना है। अगली विधानसभा में टिकटों के बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि टिकट वितरण सर्वेक्षण के बाद तैयार कर लेंगे।

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