लखनऊ: दिन और रात के तापमान में गिरावट से शहर की हवा पर असर पड़ा है प्रदूषण स्तर या वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार को 273-अंक (खराब श्रेणी) को छू रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पिछले चार दिनों में शहर में वायु प्रदूषकों में करीब 100 यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।
अपने शहर में प्रदूषण के स्तर को ट्रैक करें
जबकि मंगलवार को शहर की वायु गुणवत्ता एक्यूआई 198 के साथ ‘मध्यम’ थी, गुरुवार को यह 250 को पार कर गई और शुक्रवार को और बढ़ गई।
दरअसल, शुक्रवार 19 दिसंबर के बाद महीने का दूसरा सबसे अधिक वायु प्रदूषित दिन रहा, जब शहर का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया था।
दिलचस्प है, पर दिवाली रात में, जब लोगों ने पटाखे फोड़े और लंबा ट्रैफिक जाम देखा, तो शहर का एक्यूआई 256 था, जो शुक्रवार के 273 से काफी नीचे था।
शहर का सबसे वायु प्रदूषित इलाका गोमतीनगर था जहां एक्यूआई शाम को 350 के गंभीर स्तर को पार कर गया और इसके बाद लालबाग और इंदिरानगर जहां एक्यूआई 300 को पार कर गया।
पर्यावरणविद प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने कहा, ‘तापमान में गिरावट और कोहरा प्रदूषकों को वातावरण में फैलने नहीं देता है और इसलिए हवा की गुणवत्ता बिगड़ जाती है। लोगों और सरकार दोनों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा तो राज्य की राजधानी भी दम तोड़ देगी धुंध और गंभीर वायु प्रदूषण स्तर जैसा कि यूपी के कई अन्य जिले झेल रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पिछले चार दिनों में शहर में वायु प्रदूषकों में करीब 100 यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।
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जबकि मंगलवार को शहर की वायु गुणवत्ता एक्यूआई 198 के साथ ‘मध्यम’ थी, गुरुवार को यह 250 को पार कर गई और शुक्रवार को और बढ़ गई।
दरअसल, शुक्रवार 19 दिसंबर के बाद महीने का दूसरा सबसे अधिक वायु प्रदूषित दिन रहा, जब शहर का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया था।
दिलचस्प है, पर दिवाली रात में, जब लोगों ने पटाखे फोड़े और लंबा ट्रैफिक जाम देखा, तो शहर का एक्यूआई 256 था, जो शुक्रवार के 273 से काफी नीचे था।
शहर का सबसे वायु प्रदूषित इलाका गोमतीनगर था जहां एक्यूआई शाम को 350 के गंभीर स्तर को पार कर गया और इसके बाद लालबाग और इंदिरानगर जहां एक्यूआई 300 को पार कर गया।
पर्यावरणविद प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने कहा, ‘तापमान में गिरावट और कोहरा प्रदूषकों को वातावरण में फैलने नहीं देता है और इसलिए हवा की गुणवत्ता बिगड़ जाती है। लोगों और सरकार दोनों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा तो राज्य की राजधानी भी दम तोड़ देगी धुंध और गंभीर वायु प्रदूषण स्तर जैसा कि यूपी के कई अन्य जिले झेल रहे हैं।