भारत में स्वर्ण आयात शुल्क 2022 : भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयात शुल्क (स्वर्ण आयात शुल्क) करने वाला देश बन गया है। सोने की मांग ज्यादा होने के कारण इसका काफी गलत इस्तेमाल हो रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (वाणिज्य मंत्रालय) ने इस समझौते से समझौते का प्रस्ताव दिया है। इससे भारत में ज्वेलरी बिजनेस (Jewelry Business) को काफी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले दिनों में सोना होने की उम्मीद है।
प्रस्ताव क्या है
वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को रत्न एवं आभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में सोने पर आयात शुल्क घटाए जाने का प्रस्ताव रखा है। केंद्र सरकार ने जुलाई में सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।
सोने के सामान पर जोखिम होगा
केंद्र सरकार ने यह कदम चालू खाते के घाटे में कमी और सोने के बढ़ने पर देय लेने का इरादा उठाया था। सोना पर सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि 2.5 प्रतिशत की दर से कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगता है। इस तरह कुल प्रभावी आयात शुल्क 15 प्रतिशत हो जाता है।
शुल्क में बदलाव की मांग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय ने रत्न एवं आभूषण उद्योग को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय से आगामी बजट में इस तरह का प्रस्ताव रखने की मांग की है। वाणिज्य मंत्रालय ने रत्न-आभूषण के निर्माण एवं दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए कुछ अन्य उत्पादों पर भी आयात शुल्क में बदलाव की मांग रखी है। रत्न एवं जेवरों के अभिग्रहण से संबद्ध हितधारक आयात शुल्क में मांग की मांग को लंबे समय से करते आ रहे हैं।
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