नितिन गडकरी भारतीय सड़कें अमेरिका से बेहतर : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी) ने एक बार फिर भारत की सड़कों की तुलना अमेरिका से की है। उन्होंने कहा कि 2024 तक देश की सड़कें अमेरिका से बेहतर होंगी। मंत्री गडकरी के बयानों की चौतरफा चर्चा हो रही है कि, भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर कब तक होंगी।
क्या बोले गडकरी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 29 दिसंबर 2022 को गोवा में जुआरी नदी पर एक पुल के पहले चरण का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में 2024 तक देश की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी। पुल के उद्घाटन समारोह में गोवा के नंबर प्रमोद सावंत और केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक भी शामिल थे।
2024 तक सड़कें बहुत खराब हैं
मंत्री गडकरी ने कहा कि अब देश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) तेजी से बढ़ रहा है. हमने सबसे पहले यह तय किया था कि देश में 2024 से पहले अमेरिका से बेहतर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे। उन्होंने अपने देश में रहने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी काम किया है, वह अक्सर बात करते हैं। इससे भी ज्यादा चर्चा मीडिया में उनके बयानों की होती है।
घरों में भी यही बात है
इससे पहले मंत्री गडकरी मार्च 2022 में भी लोकसभा में यही बात कही थी। वे तब एक सांसद के सवाल का जवाब देते हुए ये बात कही थी। तब उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के बयान का हवाला देते हुए कहा था, ‘अमेरिका अमीर है इसलिए उसकी सड़कें अच्छी हैं, बल्कि अमेरिका में सड़कें अच्छी हैं इसलिए वह अमीर देश है।’ उसी समय गडकरी ने कहा था कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए वह सुनिश्चित करेगा कि दिसंबर 2024 से पहले भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्कुल अमेरिका जैसा हो जाए। गडकरी में कई मौकों पर उनके कार्यकाल के लिए गारंटी दी जा रही है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उल्लेख कर रहे हैं।
गोवा की सेनाएँ बंदरगाह
मंत्री गडकरी के जुड़े में कहा कि इस महीने की शुरुआत में आकर्षक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चालू होने से गोवा देश में नंबर एक राज्य बन रहा है। गोवा की हताशा में निराशा और योजनाओं को छोड़ने के साथ पानी टैक्सी से जोड़ने की थी। इस तरह की परियोजना से गोवा को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। राज्य को जल और वायु प्रदूषण की तरह ध्वनि प्रदूषण पर भी ध्यान देना चाहिए।
यह भी पढ़ें – गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी: भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयात करने वाला देश, जानिए क्या है सरकार की योजना